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रोजाना के 7 गजब फैक्ट्स, सुना भी नहीं होगा

मुंह से बदबू


अकसर लोगों के मुंह से सुबह में बदबू आती है। इसका कारण यह है कि रात में मुंह के अंदर लार तैयार नहीं होता है। इसलिए सोने के कुछ देर बाद बैक्टीरिया जमा होता है और सड़ जाता है।


रोजाना के 7 गजब फैक्ट्स, सुना भी नहीं होगा

रोजाना हमारा सामना कई चीजों से होता है लेकिन हम उसके पीछे छिपे अर्थ को समझने की कोशिश नहीं करते हैं। हमें लगता है कि ऐसा सामान्य है लेकिन उसमें कुछ खास बात छिपी होती है। आइये आज रोजाना से जुड़े ऐसे ही 7 फैक्ट्स के बारे में जानते हैं...

जहाजों का सफेद रंग

जहाजों को मुख्य रूप से सफेद रंग से रंगा जाता है क्योंकि इससे जहाज में किसी तरह का दोष जैसे तेल के धब्बे या क्रैक का पता आसानी से लग जाता है। इसके अलावा सफेद रंग के कारण प्लेन ज्यादा गर्म नहीं हो पाता है। कोई अन्य रंग सूर्य के प्रकाश को सोखकर जहाज के तापमान को बढ़ा सकता है।

पोलर बेयर का लीवर

अगर कोई आदमी पोलर बेयर का लिवर खा लेता है तो पूरी संभावना है कि उसकी मृत्यु हो जाएगी। पोलर बेयर के लिवर में बड़ी मात्रा में विटमिन ए पाया जाता है जिससे इंसान हाइपरविटमिनोसिस का शिकार हो सकता है और उसके शरीर में जहर फैल सकता है।


केचअप

साल 1830 में केचअप को डायरिया, गठिया और एक्जिमा की दवा के तौर पर बेचा गया था। टमाटर में लाइकोपीन पाया जाता है जो शरीर के लिए वास्तव में काफी फायदेमंद होता है।

घोंघे की रफ्तार

साधारण घोंघा कॉपर वायर के इलेक्ट्रॉन्स के मुकाबले ज्यादा तेजी से चलता है।

दरियाई घोड़ा और वेल

वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि दरियाई घोड़ा और वेल्स के सामान्य पूर्वज हैं जो करीब 5 करोड़ साल पहले धरती पर पाए जाते थे। इसलिए कहा जा सकता है कि वेल्स और दरियाई घोड़ा दूर के रिश्तेदार हैं।

मृत्यु दर

साल 1800 से पहले तक दुनिया की करीब 43 फीसदी आबादी 5 साल से ज्यादा जिंदा नहीं रहती थी।

News From https://navbharattimes.indiatimes.com/photomazza/education-career/7-facts-about-ordinary-things-that-prove-this-world-is-full-of-surprises/photomazaashow/62870020.cms?utm_source=facebook.com&utm_medium=referral&utm_campaign=education11022018

100 साल के इस बुजुर्ग का दावा- 89 साल से मिट्टी खाकर जिंदा, गरीबी की वजह से पड़ी आदत

झारखंड के साहेबगंज के 100 वर्षीय करू पासवान ने दावा किया है कि जब वह 11 वर्ष के थे तब से मिट्टी खा रहे हैं। करू की मानें तो गरीबी के चलते उन्होंने मिट्टी खाना शुरू किया था, जो कि बाद में उनकी आदत में शुमार हो गया।




आदमी को एक वक्त का खाना न मिले को तो उसकी जान पर बन आती है, लेकिन यह बुजुर्ग 89 साल से मिट्टी खाकर जिंदा है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक झारखंड के साहेबगंज के 100 वर्षीय करू पासवान का दावा है कि जब वह 11 वर्ष के थे तब से मिट्टी खा रहे हैं। करू की मानें तो गरीबी के चलते उन्होंने मिट्टी खाना शुरू किया था, जो कि बाद में उनकी आदत में शुमार हो गया। करू कहते हैं कि अब वह मिट्टी खाए बिना जिंदा नहीं रह सकते हैं। करू अपनी भूख मिटाने के लिए मिट्टी की अच्छी खासी डाइट लेते हैं। करू का दावा है कि वह रोजाना तकरीबन एक किलो मिट्टी खा लेते हैं। करू कहते हैं कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उन्हें मिट्टी खाने की लत लग जाएगी। वह कहते हैं- ”मैं अपनी आर्थिक तंगी के चलते वाकई अवसाद में था, जैसा कि मुझे अपने 10 बच्चों का पेट भरना पड़ता था। मैं मरना चाहता था, इसलिए मिट्टी खाने लगा। लेकिन बाद में मुझे इसकी लत लग गई। अब मैं इसके बिना रह नहीं सकता।”
करू के बड़े बेटे सियाराम पासवान ने बताया कि परिवार के लोगों ने कुछ एक बार उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वह किसी की बात नहीं सुनते हैं, बस मिट्टी के ढेले उठाकर खाने लगते हैं। सियाराम पासवान आश्चर्य जताते हुए बताते हैं इस विचित्र आदत के बावजूद उनके पिता फिट और स्वस्थ्य हैं।
हैरानी बात यह भी है कि 2015 में मिट्टी खाने की वजह से करू को बिहार के सेबर कृषि विद्यालय की तरफ से पुरस्कार भी मिल चुका है। करू की मिट्टी खाने की आदत के पीछे पिका सिंड्रोम की बात कही जा रही है। इस सिंड्रोम से ग्रसित होने पर किसी शख्स को न खाने वाली चीजों के प्रति तृष्णा उतपन्न होने लगती है। ऐसे में आदमी ऐसी चीजें खाने लगता है जिनके पोषण का महत्व नहीं होता है।

रोजाना के 7 गजब फैक्ट्स, सुना भी नहीं होगा

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