Ajibo Garib Duniya: 100 साल के इस बुजुर्ग का दावा- 89 साल से मिट्टी खाकर जिंदा, गरीबी की वजह से पड़ी आदत

100 साल के इस बुजुर्ग का दावा- 89 साल से मिट्टी खाकर जिंदा, गरीबी की वजह से पड़ी आदत

झारखंड के साहेबगंज के 100 वर्षीय करू पासवान ने दावा किया है कि जब वह 11 वर्ष के थे तब से मिट्टी खा रहे हैं। करू की मानें तो गरीबी के चलते उन्होंने मिट्टी खाना शुरू किया था, जो कि बाद में उनकी आदत में शुमार हो गया।




आदमी को एक वक्त का खाना न मिले को तो उसकी जान पर बन आती है, लेकिन यह बुजुर्ग 89 साल से मिट्टी खाकर जिंदा है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक झारखंड के साहेबगंज के 100 वर्षीय करू पासवान का दावा है कि जब वह 11 वर्ष के थे तब से मिट्टी खा रहे हैं। करू की मानें तो गरीबी के चलते उन्होंने मिट्टी खाना शुरू किया था, जो कि बाद में उनकी आदत में शुमार हो गया। करू कहते हैं कि अब वह मिट्टी खाए बिना जिंदा नहीं रह सकते हैं। करू अपनी भूख मिटाने के लिए मिट्टी की अच्छी खासी डाइट लेते हैं। करू का दावा है कि वह रोजाना तकरीबन एक किलो मिट्टी खा लेते हैं। करू कहते हैं कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उन्हें मिट्टी खाने की लत लग जाएगी। वह कहते हैं- ”मैं अपनी आर्थिक तंगी के चलते वाकई अवसाद में था, जैसा कि मुझे अपने 10 बच्चों का पेट भरना पड़ता था। मैं मरना चाहता था, इसलिए मिट्टी खाने लगा। लेकिन बाद में मुझे इसकी लत लग गई। अब मैं इसके बिना रह नहीं सकता।”
करू के बड़े बेटे सियाराम पासवान ने बताया कि परिवार के लोगों ने कुछ एक बार उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वह किसी की बात नहीं सुनते हैं, बस मिट्टी के ढेले उठाकर खाने लगते हैं। सियाराम पासवान आश्चर्य जताते हुए बताते हैं इस विचित्र आदत के बावजूद उनके पिता फिट और स्वस्थ्य हैं।
हैरानी बात यह भी है कि 2015 में मिट्टी खाने की वजह से करू को बिहार के सेबर कृषि विद्यालय की तरफ से पुरस्कार भी मिल चुका है। करू की मिट्टी खाने की आदत के पीछे पिका सिंड्रोम की बात कही जा रही है। इस सिंड्रोम से ग्रसित होने पर किसी शख्स को न खाने वाली चीजों के प्रति तृष्णा उतपन्न होने लगती है। ऐसे में आदमी ऐसी चीजें खाने लगता है जिनके पोषण का महत्व नहीं होता है।

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